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AccidentTurnedSafeThane4 min readNov 12, 2025

ठाणे जिला अदालत की स्टोर-रूम में धुआँ—फौरन नियंत्रित, कोई घायल नहीं

रिकॉर्ड रूम के पास धुआँ दिखते ही अलार्म; स्टाफ ने फाइलें हटाईं, दमकल ने मिनटों में आग पर काबू पाया।

अदालत की सीढ़ियों पर हलचल—“धुआँ!” कहते ही सिक्योरिटी ने कॉरिडोर खाली करा दिए। फ़ाइल-रैक से काग़ज़ों की हल्की गंध हवा में घुलती है; स्प्रिंकलर-लाइनें तैयार। दमकल का वॉटर-जेट जैसे ही तेज़ी से भिड़ता है, गरम हवा एक झटके में नीचे बैठ जाती है। चंद मिनटों में भीतर की लपटें बुझ चुकी हैं—सब सुरक्षित।

समय (IST): Nov 12, 2025, ~11:10 am

क्या हुआ

ठाणे जिला अदालत के स्टोर/रिकॉर्ड सेक्शन में धुएँ के हल्के बादल दिखे। सुरक्षा अलार्म बजते ही आसपास के कॉरिडोर खाली कराए गए और रिकॉर्ड-रूम की ओर आवाजाही रोक दी गई। शुरुआती मिनटों में ही धुआँ सीमित कर लिया गया, इसलिए आग फैलने से पहले स्थिति काबू में आ गई—किसी के घायल होने की खबर नहीं।

उन्होंने कैसे किया

ड्यूटी स्टाफ ने इवैक्युएशन-प्लान तुरंत चालू किया, फाइल-रैक से ज्वलनशील कागज़ दूर किए और बिजली-कटऑफ लागू कराया। कंट्रोल-रूम कॉल के मिनटों भीतर फायर ब्रिगेड पहुँची; स्प्रिंकलर/वॉटर-जेट से “फास्ट-अटैक” किया गया और धुएँ का स्रोत ठंडा किया गया। पुलिस ने कॉरिडोर में मानव-श्रृंखला बनाकर भीड़ को सुरक्षित दूरी पर रखा।

क्यों मायने रखता है

सार्वजनिक इमारतों में छोटी-सी देरी भी बड़ी घटना में बदल सकती है। अलार्म-सिस्टम, प्रशिक्षित स्टाफ और साफ निकासी-मार्ग—ये तीनों मिलकर “मिनटों में नियंत्रण” संभव बनाते हैं, जिससे जनता और केस-रिकॉर्ड—दोनों सुरक्षित रहते हैं।

सीख

हर ऑफिस-फ्लोर पर एग्ज़िट-मैप समझाया हुआ हो, ड्रिल की तारीख तय हो, और हर शिफ्ट में फायर-वार्डन नामित हो—तभी संकट की घड़ी में घबराहट की जगह कदम चलते हैं।

आप क्या करें

फ्लोर-वाइज फायर-ड्रिल शेड्यूल बनाइए, “बिजली/फायर-कटऑफ” की लोकेशन का स्पष्ट बोर्ड लगाइए, और स्टोर-रूम में नो-क्लटर नियम अपनाइए। हर तिमाही एक्सटिंग्विशर की प्रेशर-चेक/रिफिल कराइए।

रोकथाम

रिकॉर्ड-एरिया में “हॉट-वर्क” (जैसे कटिंग/वेल्डिंग) पर रोक, एक्सटेंशन-कॉड का सीमित उपयोग, धुआँ/ताप सेंसर की मेंटेनेंस, और कॉरिडोर हमेशा खाली—यही चार आदतें आग को घटना बनने से रोकती हैं।

निष्कर्ष

उद्धरण:असक्तः सततं कार्यं कर्म समाचर (अध्याय 3.19)

संदेश: ड्रिल/चेकलिस्ट जैसे छोटे अनुशासन ही बड़ी दुर्घटनाएँ टालते हैं।

निष्कर्ष: इस घटना में कारगर रहा—फास्ट-अटैक लाइन, स्प्रिंकलर/वेट-लाइन तैयार. नियम-अनुशासन और ‘मैं नहीं—हम’ का भाव—हादसा बड़ा बनने से रुकता है। (ड्रिल/चेकलिस्ट जैसे छोटे अनुशासन ही बड़ी दुर्घटनाएँ टालते हैं।)

स्रोत