AikyaAikya
AccidentTurnedSafeLudhiana3 min readNov 12, 2025

सब्ज़ी मंडी में धुआँ उठा—फायर टीम पहुँची, कोई हताहत नहीं

सुबह-सुबह लगी आग को दुकानदारों ने गैस-कटऑफ किया; दमकल ने मिनटों में काबू पाया।

भोर के उजाले में ताज़ी सब्ज़ियों की खुशबू के बीच अचानक धुएँ की एक काली लकीर आसमान की ओर उठती है। व्यापारी एक-दूसरे को आवाज़ देकर सुरक्षा गलियारा बनाते हैं—ट्रॉलियाँ हटती हैं, सिलेंडर दूर। सायरन पास आता है। पाइप खुलते हैं, पानी की धार दीवारों से टकराकर भाप बनती है। कुछ ही मिनट में लाल लौ नीली पड़ती है; मंडी फिर से सांस लेती है।

समय (IST): Nov 12, 2025, ~11:00 am

क्या हुआ

लुधियाना की सब्ज़ी मंडी के पास आग लगी; कोई जनहानि नहीं, नुकसान सीमित रहा।

उन्होंने कैसे किया

दुकानदारों ने सिलेंडर अलग कर गैस कटऑफ किया। दमकल पहुंची तो सीधी होज़ लाइन से पानी छोड़ा; पुलिस ने भीड़ को सुरक्षित दूरी पर रखा।

क्यों मायने रखता है

भीड़भाड़ वाले बाजारों में त्वरित अलर्ट और साफ निकासी मार्ग बड़े हादसे रोकते हैं।

सीख

दुकान/गोदाम में फायर-ड्रिल, ABC एक्सटिंग्विशर और अनुशासित निकासी—यही जान बचाती है।

आप क्या करें

अपने स्टॉल/दुकान में 'फायर कटऑफ' की जगह लिखकर चिपकाएं, सिलेंडर/रेगुलेटर की नियमित जांच रखें, महीने में 10 मिनट की ड्रिल करें।

रोकथाम

ढीले तार/ओवरलोडेड मल्टी-प्लग से बचें; निकास/गलियारे खाली रखें; बंद करने से पहले गैस/बिजली की 'शट-डाउन चेकलिस्ट' जांचें।

निष्कर्ष

उद्धरण:असक्तः सततं कार्यं कर्म समाचर (अध्याय 3.19)

संदेश: ड्रिल/चेकलिस्ट जैसे छोटे अनुशासन ही बड़ी दुर्घटनाएँ टालते हैं।

निष्कर्ष: इस घटना में कारगर रहा—सिलेंडर अलग-थलग. नियम-अनुशासन और ‘मैं नहीं—हम’ का भाव—हादसा बड़ा बनने से रुकता है। (ड्रिल/चेकलिस्ट जैसे छोटे अनुशासन ही बड़ी दुर्घटनाएँ टालते हैं।)

स्रोत